भगवान हमारे दोस्त हैं
यह कहानी हमें सिखाती है कि भगवान हमारे मित्र है।
Story
आठ साल की शिवानी वैसे तो हमेशा खुश और हंसती-खेलती रहती थी पर एक दिन वह, स्कूल से रोते हुए घर आई। दादी ने पूछा, “क्या हुआ? क्यों रो रही हो?”
“मेरी सहेली अब दूसरे शहर में रहने जा रही है दादी। अब मेरा कोई दोस्त नहीं होगा।” शिवानी रोते-रोते बोली।
“ऐसा नहीं है शिवानी, तुम्हारा एक दोस्त ऐसा है जो हमेशा तुम्हारे साथ रहेगा।“ दादी ने कहा।
“भला मेरा ऐसा कौन-सा दोस्त है जिसे आप जानती हैं और मैं नहीं?” शिवानी हैरान होकर बोली।
“इसका जवाब तुम्हें जल्द ही मिलेगा। थोड़ा धीरज रखो। चलो अब सो जाओ, याद है ना कि कल तुम्हारे दादाजी का जन्मदिन है और हमें गरीबों में खाना बाँटना है। कल बहुत काम है।” दादी ने कहा।
“ठीक है दादी,” ऐसा कहकर शिवानी सोने चली गई।
अगले दिन शिवानी की मम्मी और दादी ने मिलकर गरीबों के लिए ढेर सारा खाना बनाया। वह खाना लेकर मंदिर गए और वहाँ सभी गरीब लोगों को भरपेट भोजन करवाया। तभी वहाँ कुछ और गरीब लोग आ गए।
“अरे! खाना तो खत्म होने वाला है। अब हम इनको क्या खिलाएँ?” शिवानी चिंतित होकर बोली।
दादी ने कहा, “हाथ जोड़कर भगवान से प्रार्थना करो कि वो हमारी मदद करें। तभी उनका ड्राइवर गाड़ी से खाने का एक बॉक्स लेकर आया और बोला, “आप इसे गाड़ी में ही भूल गए थे।“
सबके चेहरे पर मुस्कान लौट आई। दादी ने भगवान को धन्यवाद दिया और गरीबों को वो खाना खिलाया।
शाम को शिवानी ने दादी से पूछा, “आपने अभी तक मुझे मेरे सच्चे दोस्त के बारे में नहीं बताया?”
“अच्छा बताओ, आज सुबह जब हम परेशानी में थे तब किसने हमारी मदद की।”
“भगवान ने! ओह तो इसका मतलब भगवान है हमारे सच्चे दोस्त।” शिवानी खुश होकर बोली।
प्यारे बच्चों, जब हम परेशानी में होते हैं तब भगवान एक सच्चे दोस्त की तरह, किसी ना किसी रूप में हमारी मदद ज़रूर करते हैं।
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स्रोत: भगवद् गीता
भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है:
माम् सुहृदं सर्वभूतानां
मैं सबका दोस्त हूँ।
जब हम परेशानी में होते हैं तब भगवान एक सच्चे दोस्त की तरह, किसी ना किसी रूप में हमारी मदद ज़रूर करते हैं।
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Story type: Motivational
Age: 7+years; Class: 3+