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ज्ञान की शक्ति
यह कहानी हमें सिखाती है कि ज्ञान और समझ से हम बुद्धिमान और मज़बूत बनाते हैं।

कहानी
एक बार की बात है, ऊँची-ऊँची इमारतों और व्यस्त सड़कों वाले एक बड़े शहर में पूनम नाम की एक छोटी लड़की रहती थी। उसे स्कूल के बाद अपने दोस्तों के साथ पार्क में खेलना बहुत अच्छा लगता था, लेकिन पढ़ाई करना उसे ज़्यादा पसंद नहीं था।
एक दोपहर, पूनम के ट्यूशन टीचर, शर्मा सर, पार्क में गए, जहाँ पूनम खेल रही थी। उन्होंने उसे पढ़ाई के लिए बुलाया, लेकिन हमेशा की तरह, पूनम घर जाने में आनाकानी कर रही थी।
फिर शिक्षक ने पूनम और उसके दोस्तों से बात करने का फैसला किया।
उन्होंने बच्चों से पूछा, "क्या खेल कर त ुम सब खुश हो जाते हो?" सभी बच्चों ने एक साथ जवाब दिया, "हाँ, बहुत ज़्यादा खुश।"
शिक्षक ने फिर पूछा, "बच्चों, अगर मैं तुम्हें ऐसी खुशी का राज बताऊँ जो कभी खत्म न हो, तो कैसा लगेगा?"
बच्चे हैरान हो गए और बोले, "वो क्या है? हमें बताइए टीचर जी।"
शिक्षक मुस्कुराए और बोले, "बच्चों, सच्ची खुशी और ताकत शिक्षा और ज्ञान पाने से आती है।"
पूनम उलझन में थी। उसने पूछा, "सर, ज्ञान मुझे मजबूत और खुश कैसे बना सकता है?"
शर्मा सर ने प्यार से मुस्कुराते हुए जवाब दिया, "मैं तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ। यह कहानी तुम्हारी ही तरह एक छोटी लड़की की है।"
शर्मा सर ने कहानी सुनानी शुरू करी।

"एक बार की बात है, एक छोटी लड़की थी जो अपनी छत पर एक सुंदर बगीचा बनाना चाहती थी। हर बार जब वह बिना मिट्टी को तैयार किए फूल लगाती, तो पौधे मुरझा जाते। फिर एक दिन उसने अपने माली से इसके बारे में पूछा।
“माली ने उसे बताया कि उसे मिट्टी को सही मात्रा में पोषक तत्वों से तैयार करना होगा। लड़की ने मिट्टी की देखभाल करना और उसमें सही पोषक तत्व देना सीख लिया। उसके बाद, उसका बगीचा हरा-भरा हो गया और उसमें सुंदर फूल खिल उठे।“
पूनम ध्यान से सुन रही थी।
शर्मा सर ने समझाया, "ज्ञान, मिट्टी और पोषक तत्वों की तरह है, जो तुम्हारे मन के बगीचे के लिए बहुत ज़रूरी है। अगर तुम अपने जीवन को सीखने और समझने पर आधारित करोगी, तो तुम मज़बूत और बुद्धिमान बनोगी।ज्ञान हमें स्पष्टता, आत्मविश्वास और अच्छे फैसले लेने की क्षमता देता है। यह हमें एक बेहतर इंसान बनाता है।"
पूनम ने सर की सीख पर अमल करने का फैसला किया। उसने ट्यूशन क्लास और स्कूल में ज़्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया। वह सवाल पूछने लगी। जल्दी ही, उसने महसूस किया कि पढ़ने लिखने से उसे खुशी मिलती है और उसका आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।
एक दिन, पूनम ने अपने दोस्त की मदद की और एक कठिन गणित का सवाल हल कर दिया क्योंकि उसने इसे क्लास में पढ़ा था। उसकी दोस्त बोली, "वाह, पूनम! तुम तो बहुत समझदार हो!"
पूनम मुस्कुराई और मन में सोचने लगी, "यह इसलिए है क्योंकि मैंने ज्ञान और सच्चाई का रास्ता चुना।"
उस दिन से पूनम ने नियमित पढ़ाई शुरू कर दी और अब वह नई चीजें सीखने के लिए उत्सुक रहने लगी।
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Shloka:
विद्या ददाति विनयं, विनयाद् याति पात्रताम्।
पात्रत्वाद् धनमाप्नोति, धनाद् धर्मं ततः सुखम्॥
Vidya dadati vinayam, vinayad yati patratam.
Patratvad dhanam apnoti, dhanad dharmam tatah sukham.
स्रोत: हितोपनिषद
अर्थ
विद्या से विनम्रता आती है, विनम्रता से योग्यता प्राप्त होती है।
योग्यता से धन मिलता है, धन से धर्म का पालन होता है, और धर्म से सुख की प्राप्ति होती है।
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Story type: Motivational
Age: 7+years; Class: 3+