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मोनू का जन्मदिन
यह कहानी हमें सिखाती है कि भगवान हर जगह है।

Story
आज मोनू का जन्मदिन था। वह आज पूरे नौ वर्ष का हो गया था। सुबह तैयार होकर वह पिताजी के साथ मंदिर गया। रास्ते में उसने एक आदमी को गाय की पूजा करते देखा। मंदिर के बाहर एक औरत पीपल के पेड़ की पूजा कर रही थी। पुजारी जी सूरज को जल चढ़ा रहे थे। मोनू ने मंदिर में भगवान की पूजा की। मंदिर से लौटते समय उसने अपने पिताजी से पूछा, “पापा, हम जानवरों, पेड़-पौधों, सूरज और चाँद की पूजा क्यों करते हैं?
“अच्छा सवाल है, क्यों न हम मिलकर इसका जवाब ढूंढे?” पिताजी बोले।
मंदिर से आकर मोनू पिताजी के साथ अपने जन्मदिन की पार्टी का सामान लेने बाज़ार गया। उन्होंने गुब्बारे, मोमबत्तियाँ और सजावट का सामान लिया।
माँ ने मटर-पनीर की सब्जी बनाने के लिए पनीर मँगवाया था। इसलिए वे दोनों दूध की डेयरी पर पनीर लेने गए।
“पर यहाँ तो दूध मिलता है ना पापा!,” मोनू ने पूछा।
“हाँ, और पनीर भी मिलता है, पनीर दूध से ही तो बनता है,” पापा बोले।
तभी वहाँ एक आदमी आया और बोला मुझे दही बनाने के लिए एक लीटर दूध देना।
“वाह! दही भी दूध से बनता है,” मोनू ने सोचा।
मोनू और पिताजी फिर आइसक्रीम खरीदने गए। आइसक्रीम वाले ने कहा कि आज हमारा दूध फट गया। इसलिए आइस-क्रीम नहीं बन पाई।
पिताजी बोले, “उदास मत हो बेटा, चलो हम दूसरी दुकान से आइसक्रीम ले आते हैं।“ वे दूसरी दुकान पर गए और मोनू की मनपसंद मैंगो आइसक्रीम ली।
अरे! हम मिठाइयाँ लेना तो भूल ही गए। चलो जल्दी मिठाई की दुकान पर चलते हैं। वे मिठाई खरीद ही रहे थे की तभी वहाँ एक दूधवाला आया जिसने दुकानदार को बहुत-सा दूध दिया।
