कबीर दास जयंती पर 10 लाइन (10 Lines on Kabir Das Jayanti in Hindi)
- myNachiketa
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कबीर दास जी 15वीं सदी के भारत के एक प्रसिद्ध कवि और संत थे। उन्होंने सुंदर दोहे लिखे, जो हमें प्यार, दया और एकता का संदेश देती हैं। उनका जन्म वाराणसी में हुआ था और उन्हें एक जुलाहे दंपत्ति ने पाला था। उनके पिता का नाम नीरू और माता का नाम नीमा था। कबीर दास जी सादा जीवन जीने और छोटी-छोटी चीजों में खुशियाँ ढूँढ़ने में विश्वास करते थे।
myNachiketa कबीर दास जयंती पर 10 लाइन प्रस्तुत करता है।
कबीर दास जयंती महान कवि-संत कबीर दास की जन्मतिथि है।
इसे कबीर प्रकट दिवस, कबीर दास के प्रकट होने का दिन, भी कहा जाता है।
यह हर साल ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो आमतौर पर मई या जून में पड़ती है।
कबीर दास जयंती पूरे भारत में मनाई जाती है, विशेष रूप से वाराणसी, मगहर और मध्य प्रदेश के कई जैसे स्थानों में।
इस दिन लोग कबीर दास के उपदेशों को याद करते हैं, उनके दोहे सुनते हैं और उस पर चर्चा करते हैं।
इस दिन कवि सम्मेलनों का भी आयोजन होता है, जहाँ कवि, कबीर दास के दोहों पर अपने विचार प्रस्तुत करते हैं।
स्कूलों में कबीर दास जयंती पर बच्चों के लिए दोहा पाठ जैसी गतिविधियों का आयोजन किया जाता है।
कबीर दास जी की कविताएँ सरल और ज्ञान से भरी हुई होती हैं, जो प्यार और दया के बारे में सिखाती हैं।
कबीर दास जी मानते थे कि सभी लोग समान हैं, चाहे उनकी जाति या धर्म कुछ भी हो।
कबीर दास जयंती हमें दयालु बनने, गहरी सोच रखने और सरल जीवन जीने की प्रेरणा देती है।

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