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श्री रमण महर्षि पर 10 लाइन (10 lines on Shri Ramana Maharishi in Hindi)

  • myNachiketa
  • Dec 10, 2024
  • 2 min read

   10 lines on Shri Ramana Maharishi

श्री रमण महर्षि (1879–1950) एक महान भारतीय संत थे, जो अपनी आध्यात्मिक समझ और सादगी के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म का नाम वेंकटरम अय्यर था और वे तमिलनाडु के तिरुचुली गाँव में पैदा हुए थे लेकिन उन्हें ज्यादातर श्री रमण महर्षि के नाम से जाना जाता था। उनकी जिंदगी 16 साल की उम्र में पूरी तरह बदल गई। एक दिन उन्हें एक विशेष अनुभव हुआ। उन्होंने जाना कि हर इंसान के अंदर एक अद्भुत प्रकाश है, जिसे "आत्मा" कहते हैं। यह आत्मा हमेशा के लिए रहती है और हमें गहरी शांति देती है। रमण महर्षि ने अपनी पूरी जिंदगी इस सच्चाई को समझने और दूसरों को समझाने में बिताई।


myNachiketa प्रस्तुत करता है श्री रमण महर्षि पर 10 लाइन।


  1. रमण महर्षि का जन्म तमिलनाडु के तिरुचुली नाम के गाँव में हुआ था। बचपन में उन्हें वेंकटरमन अय्यर कहा जाता था।


  2. उनके पिता का नाम सुंदरम अय्यर था और उनकी माँ का नाम अज़गम्मल था।


  3. 16 साल की उम्र में, उन्होंने ने अपना घर छोड़ दिया और तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई के पास अरुणाचल नामक एक सुंदर पहाड़ के पास रहने चले गए।


  4. लोग उन्हें रमण (जिसका अर्थ है प्रसन्न करने वाला) महर्षि कहने लगे क्योंकि वे बहुत दयालु और बुद्धिमान थे।


  5. रमण महर्षि श्री रमणाश्रम में रहते थे, जो अरुणाचल पहाड़ी के तलहटी में स्थित है।


  6. श्री रमणाश्रम में एक पुस्तकालय, अस्पताल, डाकघर और आम लोगों के लिए कई सुविधाएँ थीं।


  7. रमण महर्षि ज्यादा बातें नहीं करते थे, लेकिन उन्होंने लोगों को एक बहुत अच्छी सीख दी - आत्मा-विचार (खुद से सवाल करना)।


  8. उन्होंने लोगों से यह पता लगाने के लिए कहा, "मैं कौन हूँ?" यह सवाल उनके नाम या नौकरी के बारे में नहीं बल्कि उनके अंदर की सच की खोज के बारे में था।


  9. वह एक साधारण जीवन जीते थे और अपना समय ध्यान करने और जीवन के बारे में सोचने में बिताते थे।


  10. रमण महर्षि ने सिखाया कि अपने भीतर देखकर हम प्रेम, आनंद और अपने सच्चे स्वरूप की खोज कर सकते हैं।

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Guest
Dec 20, 2024
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👌 👏 it.is so.good

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