असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय (Asato Ma Sadgamaya, Tamaso Ma Jyotirgamaya, Mrityor Ma Amritam Gamaya in Hindi)
- myNachiketa
- Oct 14
- 3 min read

क्या आपने कभी सोचा है कि हम अपनी ज़िंदगी को कैसे बेहतर और रोशन बना सकते हैं? सोचो, जैसे आप एक अंधेरी सुरंग से गुजर रहे हैं और आगे एक उजाला है जो आपको बाहर निकलने का रास्ता दिखा रहा है। यही सुंदर विचार एक पुराने संस्कृत मंत्र में कहा गया है - “असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय।” चलिए, इस मंत्र का मतलब एक मज़ेदार कहानी की तरह समझते हैं!
myNachiketa खुशी-खुशी प्रस्तुत करता है: असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय का अर्थ और व्याख्या।
मंत्र का अर्थ
इस मंत्र के हर भाग में जीवन को समझने और सही रास्ता चुनने की सीख छिपी है:
असतो मा सद्गमय: इसका मतलब है “असत्य से मुझे सत्य की ओर ले चलो।” जैसे कभी स्कूल में आपने कोई झूठ सुना और आपको सही नहीं लगा और सत्य जानने की ज़रूरत थी। यह भाग हमें सत्य की खोज करने की सीख देता है।
तमसो मा ज्योतिर्गमय: इसका मतलब है “अंधकार से मुझे प्रकाश की ओर ले चलो।” जैसे जब हम उदास या उलझन में होते हैं। यह हमें खुशी, ज्ञान और समझ की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
मृत्योर्मा अमृतं गमय: इसका मतलब है “मृत्यु से मुझे अमरता की ओर ले चलो।” इसका अर्थ शारीरिक रूप से हमेशा जीवित रहने से नहीं है। बल्कि यह हमें जीवन में आध्यात्मिक रूप से बढ़ने और अच्छे कर्मों, प्रेम और दया की सीख देता है।

मंत्र की उत्पत्ति
यह मंत्र बृहदारण्यक उपनिषद में मिलता है, जो एक बहुत पुराना ग्रंथ है। इसमें ज्ञान और शिक्षाएँ भरी हुई हैं, जो हमें खुद और ब्रह्मांड को समझने में मदद करती हैं। उपनिषद हमें जीवन के गहरे विचारों को जानने और सामान्य चीज़ों से आगे सोचने की प्रेरणा देते हैं।
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बच्चे इस मंत्र से क्या सीख सकते हैं?
यह मंत्र हमें तीन सरल जीवन की सीखें देता है:
सत्य झूठ से मजबूत है: झूठ थोड़ी देर काम आ सकता है, लेकिन अंत में सत्य हमेशा जीतता है।
उदाहरण: अगर आपने होमवर्क नहीं किया और झूठ बोलते हैं, तो बाद में पकड़े जाने पर बुरा लगेगा। अगर सच बोलेंगे, तो शिक्षक आप पर भरोसा करेंगे और मदद भी करेंगे।
ज्ञान मन को रोशन करता है: अंधकार मतलब उलझन, सुस्ती या अज्ञानता है। प्रकाश मतलब समझ, जिज्ञासा और सीखना।
उदाहरण: अगर आपको गणित से डर लगता है, तो उससे भागो मत। टीचर से पूछो, धीरे-धीरे अभ्यास करो, विषय आसान और रोशन लगेगा।
निर्भय और खुशमिजाज बनो: यहाँ मृत्यु का मतलब डर, उदासी या हार मान लेना भी है। अमरता मतलब खुशी, साहस और प्रेम के साथ जीना।
उदाहरण: अगर आप फुटबॉल मैच हार गए, तो मत कहो, “मैं बेकार हूँ।” बल्कि कहो, “मैं ज्यादा अभ्यास करूँगा और अगली बार बेहतर करूँगा।” इस तरह आप कभी अंदर से नहीं मरते, और हमेशा बढ़ते रहते हैं।

बच्चे इसे रोज़मर्रा की ज़िंदगी में कैसे अपना सकते हैं
सुबह की प्रैक्टिस
सुबह उठकर मंत्र एक बार कहो।
सोचो: “आज मैं सत्य चुनूँगा, कुछ नया सीखूँगा और खुश और निडर रहूँगा।”
स्कूल में
अगर परीक्षा में नकल करने का मन करे: “असतो मा सद्गमय” याद करो और सत्य चुनो।
अगर कोई उत्तर नहीं आता: “तमसो मा ज्योतिर्गमय” याद करो और पूछकर सीखो।
भाषण देने से पहले डर लगे: “मृत्योर्मा अमृतं गमय” याद करो और निडर बनो।
घर पर
अगर दूध गिर जाए, तो भाई-बहन एक-दुसरे को दोष मत दो। सच बताओ।
अगर कहानी समझ न आए, तो माता-पिता से पूछो।
बोर्ड गेम में हार जाओ, तो मुस्कुराओ और कहो: “अगली बार मैं जीतूँगा।”
सोने से पहले सोचो
सोने से पहले सोचो: “आज मैंने सत्य चुना? कुछ नया सीखा? निडर रहा?”
अगर नहीं कर पाए, तो कल फिर कोशिश करो।
निष्कर्ष
मंत्र असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्योर्मा अमृतं गमय सिर्फ शब्द नहीं हैं, बल्कि हर बच्चे के लिए एक मार्गदर्शन और प्रेरणा हैं। इसकी सीख को याद रखकर और अपनाकर, आप अपने जीवन का रास्ता रोशन कर सकते हैं और अपने आस-पास के लोगों की भी मदद कर सकते हैं। यह मंत्र हर दिन आपको सत्य बोलने, खुश रहने और दुनिया को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित करता है।
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