अक्का महादेवी
यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची भक्ति में वो शक्ति होती है जिससे हम बड़ी से बड़ी मुश्किल पार कर के भगवान को पा सकते हैं।
Story
अक्का महादेवी एक महान कवयित्री और भगवान शिव की एक सच्ची भक्त थीं। उनका जन्म कर्नाटक के उदूतड़ी गाँव में हुआ था। उनके माता-पिता शिव के भक्त थे, इसी कारण बचपन से ही महादेवी भी शिव की भक्ति करती थी।
भगवान शिव के कई नाम और रूप हैं, और महादेवी उनके मल्लिकार्जुन रूप की पूजा करती थीं। उन्होंने कन्नड़ भाषा में भगवान शिव पर कई कविताएँ लिखी हैं। उनकी कविताओं को वचन कहा जाता था।
ऐसा माना जाता है कि महादेवी का विवाह एक राजा से हुआ था और जब उन्होंने अपने पति से अपने भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए स्वतंत्रता मांगी तब उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।
उन्होंने सब छोड़कर संत अल्लामा प्रभु के आश्रम में जाने का फैसला किया। महादेव ी को इस यात्रा में बहुत सारी परेशानियाँ हुईं। उन्हें कई महीनों तक पैदल चलना पड़ा। वह लोगों से माँगकर खाना खाती उन्हें आराम करने के लिए कोई सुरक्षित जगह भी नहीं मिलती।
भगवान शिव के लिए उनकी भक्ति और प्रेम के कारण वो इन सभी कठिनाइयों का सामना कर आश्रम पहुँच गईं। आश्रम में उन्हें अक्का महादेवी कहकर बुलाया जाता था।
कुछ समय आश्रम में बिताने के बाद वह शल्य पर्वत की ओर चली गईं, जो श्रीशैलम ज्योर्तिलिंग के कारण महादेव का एक पवित्र स्थान माना जाता है।
वहाँ उन्होंने कृष्णा नदी के किनारे एक गुफ़ा में भगवान शिव का ध्यान किया। ऐसा मानते हैं कि वह श्रीशैलम ज्योर्तिलिंग में समा गईं। सच्ची भक्ति में वो शक्ति होती है जिससे हम बड़ी से बड़ी मुश्किल पार कर के भगवान को पा सकते हैं।
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Story type: Motivational
Age: 7+years; Class: 3+