खेमा
यह कहानी हमें सिखाती है कि शरीर की सुंदरता से बढ़कर है मन की सुंदरता है जो सच्चे ज्ञान और समझ से आती है।
Story
खेमा मगध के राजा बिंबिसार की पत्नी थी। वह बहुत सुंदर थी और अपनी सुंदरता को ही अपनी सबसे बड़ी विशेषता मानती थी।
खेमा के पति बुद्ध के शिक्षाओं में विश्वास रखते थे। बुद्ध कहते थे कि बाहरी सुंदरता का कोई मोल नहीं क्योंकि वह एक दिन खत्म हो जाएगी।
एक दिन, बिंबिसार खेमा को बुद्ध से मिलवाने उनके मठ में ले गए। बुद्ध ने अपनी मन की शक्ति से खेमा को एक सुंदर लड़की दिखाई। वह उसकी सुंदरता देखकर हैरान रह गई।
खेमा ने देखा की उस औरत की उम्र धीरे-धीरे बढ़ रही है, उसके चेहरे पर झुर्रियाँ आ गई, उसके बाल सफ़ेद हो गए और उसका शरीर बूढ़ा हो गया। देखते ही देखते वह बूढ़ी होकर मर जाती है। वह समझ गई कि शरीर की सुंदरता हमेशा नहीं रहती।
खेमा को जीवन का सच समझ में आ गया और वह बुद्ध की शिष्या बन गई। वह गौतम बुद्ध की सबसे पहली महिला शिष्य थी।
उनके ज्ञान और गहरी समझ के कारण सभी उनका बहुत सम्मान करते थे। वह बौद्ध धर्म की ऊँची शिक्षाओं को सरल रूप में लोगों को सिखाती थी।
खेमा के जीवन से हमें यह सीख मिली है कि शरीर की सुंदरता से बढ़कर मन की सुंदरता है जो सच्चे ज्ञान और समझ से आती है।
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Story type: Motivational
Age: 7+years; Class: 3+