देवहूति
यह कहानी हमें सिखाती है कि हम अच्छे कर्म और लगन से सच्चा ज्ञान पा सकते हैं।
Story
हिंदू धर्म के अनुसार यह माना जाता है कि भगवान ब्रम्हा ने इस संसार की रचना की। उन्होंने ही, पहले पुरुष और स्त्री को बनाया जिनका नाम था मनु और शत्रुपा।
मनु और शत्रुपा के पाँच बच्चे थे - तीन बेटियाँ और दो बेटे। उनकी एक बेटी का नाम देवहूति था। वह बहुत बुद्धिमान और गुणी थी। उनकी शादी ऋषि कर्दम से हुई, जो एक तपस्वी और विद्वान थे। देवहूति ने नौ बेटियों और एक बेटे को जन्म दिया। ऐसा माना जाता है कि उन्होंने अपनी तपस्या से भगवान विष्णु के अवतार, कपिल मुनि, को पुत्र रूप में प्राप्त किया।
कपिल बड़े होकर एक महान ऋषि बने। देवहूति को अपने बेटे के ज्ञान और समझ पर बहुत गर्व था।
एक दिन देवहूति अपने बेटे कपिल के पास गई और उनसे वो ज्ञान सीखाने को कहा जिससे उनकी संसार की चीज़ों को पाने की इच्छा खत्म हो जाए और वो जन्म और मृत्यु के चक्र से आज़ाद हो जाएँ।
कपिल मुनि ने उनकी बात मान ली और उन्हें वह ज्ञान दिया जो उन्हें सच या भगवान तक पहुँचाए। कपिल मुनि ने जो ज्ञान देवहूति को दिया उसे सांख्य दर्शन कहा जाता है।
देवहूति अपने बेटे से यह ज्ञान पाकर बहुत खुश हुईं। उन्होंने जीवन का सही अर्थ समझा और जाना कि भगवान को पाने का तरीका क्या है। इस ज्ञान को पाने के बाद देवहूति और भी महान हो गईं।
देवहूति वह एक ज़रिया बनी जिससे यह महान ज्ञान अनेक लोगों तक पहुँचा। देवहूति की कहानी बच्चों के लिए प्रेरणादायक है।
अगर हमें भी देवहूति की तरह सच्चा ज्ञान और भगवान को पाने की इच्छा हो तो हम भी अच्छे कर्म और लगन से उसे पा सकते हैं।
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Story type: Motivational
Age: 7+years; Class: 3+