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विवेकानंद ने भगवान को देखा

यह कहानी हमें सिखाती है कि संसार की हर चीज़ में भगवान हैं।

विवेकानंद ने भगवान को देखा

Story


स्वामी विवेकानंद के मन में हमेशा ही भगवान को लेकर बहुत से सवाल उठते रहते थे। वह सोचते थे कि अगर भगवान हैं तो हम उन्हें देख क्यों नहीं सकते। क्या कोई है जो हमें भगवान के होने का सबूत दे सकता है? 


एक दिन स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु श्री रामकृष्ण से पूछा, “क्या आपने भगवान को देखा है?”


गुरु ने जवाब दिया, “हाँ, मैंने भगवान को ठीक वैसे ही देखा है जैसे मैं अभी तुम्हें देख रहा हूँ।” स्वामी विवेकानंद को उनकी बात पर पूरी तरह यकीन नहीं हुआ। 


एक दिन स्वामी विवेकानंद और उनके दोस्त गुरु रामकृष्ण से शिक्षा ले रहे थे। गुरु उन्हें समझा रहे थे कि संसार की हर चीज़ भगवान है।


यह बात सुनकर स्वामी विवेकानंद और उनके दोस्त अपनी हँसी नहीं रोक पाए और श्री रामकृष्ण के कमरे से भाग कर आँगन में आए।


वे दोनों आँगन में आकर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे और गुरु की बात का मज़ाक उड़ाते हुए बोले, “अरे यह देखो! यह घड़ा भी भगवान है! यह प्याला भी भगवान है! हम भी भगवान हैं!” 


तभी श्री रामकृष्ण कमरे से बाहर आए और उन्होंने स्वामी विवेकानंद के कंधे पर हाथ रखा। उनकी हँसी एकदम से रुक गई और उन्होंने अपने आसपास की हर चीज़ में भगवान को महसूस किया। उन्हें एहसास हुआ कि संसार की हर चीज़ में भगवान हैं।

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Story type: Motivational

Age: 7+years; Class: 3+

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