top of page

Free Shipping On Shopping Above ₹600 | Pan India Delivery Guaranteed In 5-6 Days

गणेश चतुर्थी पर भाषण (Ganesh Chaturthi Speech in Hindi)

  • myNachiketa
  • 16 hours ago
  • 3 min read

Ganesh Chaturthi Speech in Hindi

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥


नमस्कार


आज हम सब यहाँ हिंदू धर्म के सबसे प्रिय देवताओं में से एक, भगवान गणेश का सम्मान करने के लिए यहाँ एकत्र हुए हैं। उनका हाथी जैसा सिर और अनोखा रूप उन्हें अन्य देवताओं से अलग बनाता है, लेकिन वह अपनी बुद्धि, करुणा-भाव और विनम्र स्वाभाव के लिए पूजे जाते हैं। वे भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र हैं। वे हिंदू धर्म में प्रथम पूजनीय देवता हैं, जो उनकी महानता को दर्शाता है।


हर साल अगस्त या सितंबर में हम भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में गणेश चतुर्थी मनाते हैं। गणेश चतुर्थी के अवसर पर हम भगवान गणेश को अपने घर बुलाते हैं, और उनके प्रति अपनी प्रेम और भक्ति व्यक्त करते हैं। साथ ही यह प्रार्थना कि वे हमारी कठिनाइयों को दूर करें और हमें बुद्धि, स्वास्थ्य और समृद्धि प्रदान करें। भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ भी कहा जाता है, अर्थात् वे जो हमारे जीवन से बाधाओं को दूर करते हैं। वे हमें सही मार्ग पर चलने और सही कार्य करने की बुद्धि देते हैं।


गणेश चतुर्थी लगभग 11 दिनों तक मनाई जाती है। भक्त अपने घरों और मंदिरों में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं। लोग एकत्र होकर भगवान गणेश की स्तुति और प्रार्थना करते हैं, जिनमें गणेश आरतियाँ विशेष रूप से महत्वपूर्ण और सबको प्रिय होती हैं। गणेश चतुर्थी पर गाई जाने वाली कुछ प्रसिद्ध आरतियाँ हैं — "जय गणेश जय गणेश," "सुखकर्ता दुखहर्ता," और "सिंदूर लाल चढ़ायो।" भगवान गणेश को स्वादिष्ट मिठाइयाँ अर्पित की जाती हैं, जिनमें मोदक और लड्डू उनके सबसे प्रिय होते हैं।

भगवान गणेश के गुणों को बताती यह रोचक विडियो देखें

अब मैं आपको गणेश चतुर्थी के पीछे की कथा सुनाता हूँ।


भगवान शिव और माता पार्वती कैलाश पर्वत पर खुशी से रहते थे। एक दिन, पार्वती जी ने स्नान करते समय अपनी रक्षा के लिए गणेश नामक एक बालक की रचना की। जब शिव घर लौटे तो गणेश ने उन्हें अंदर जाने से रोका, जिससे दोनों के बीच संघर्ष हो गया। शिव, यह न जानते हुए कि यह बालक कौन है, अनजाने में उसे आहत कर बैठे। सत्य जानने के बाद शिव ने गणेश को हाथी का सिर लगाकर पुनर्जीवित किया और उन्हें अपने पुत्र के रूप में स्वीकार किया।


यह पर्व अनंत चतुर्दशी को गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होता है, जब गणेश जी अपने घर लौटते हैं और हमारे सभी कष्ट साथ ले जाते हैं। विसर्जन के दिन गणेश जी की प्रतिमाएँ भव्य शोभायात्राओं में बाहर ले जाई जाती हैं। हम भगवान गणेश को संगीत, नृत्य और “गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया” जैसे नारों के साथ विदा करते हैं। इसके बाद प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों, झीलों या समुद्र में किया जाता है।


Ganesh Chaturthi Speech in Hindi 1

हम सब इस उत्सव का पूरे वर्ष बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। हालाँकि, गणेश चतुर्थी पूरे देश में बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है, परंतु इसका उल्लास महाराष्ट्र में सबसे अधिक दिखाई देता है।


गणेश चतुर्थी हमें इस महान सत्य की याद दिलाती है कि जीवन हमेशा बदलता रहता है और हर अंत एक नई शुरुआत लेकर आता है। गणेश विसर्जन, एक आनंदमय उत्सव के अंत के साथ ही एक नए सफर की शुरुआत का सूचक है।


भगवान गणेश हमें बुद्धिमान, विनम्र और दृढ़ निश्चयी बनने की प्रेरणा देते हैं। हमें अपने मार्ग में आने वाली बाधाओं से कभी डरना नहीं चाहिए, बल्कि उनका साहस से सामना करना चाहिए, यह विश्वास रखते हुए कि भगवान गणेश सदा हमारा मार्गदर्शन करते हैं।


आप सभी को गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ।


धन्यवाद।

इन विषयों पर अधिक जानकारी के लिए हमारी किताबें खरीदें और पढ़े
whatsapp logo

More such blogs
Resources

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
bottom of page