नरसिंह अवतार की कहानी (Picture Story of Narsimha Avatar in Hindi)
- myNachiketa
- Aug 26
- 1 min read

नरसिंह अवतार भगवान विष्णु के चौथे अवतार थे। यह अवतार उन्होंने तब लिया जब दैत्य राजा हिरण्यकशिपु अत्याचारी और अहंकारी बन गया। उसने अपने आप को अमर मान लिया था और किसी भी तरह से मरने से बचने के लिए ब्रह्मा जी से वरदान ले लिया कि न तो वह दिन में मरेगा, न रात में, न घर में, न बाहर, न जमीन पर, न आकाश में, न इंसान से, न जानवर से।
आओ नरसिंह अवतार की कहानी पढ़ें जो दिखाती है कि भगवान पर भरोसा रखना चाहिए, भले कितनी भी मुश्किल क्यों न हो और बुराई चाहे कितनी भी ताकतवर हो, अच्छाई हमेशा जीतती है।





भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लिया—आधा इंसान और आधा शेर रूप में। उन्होंने हिरण्यकशिपु को दिन में (सूरज की रोशनी में), घर के आँगन में (दरवाजे और खिड़की से बाहर नहीं), अपने गोद में (ना जमीन, ना आकाश), अपने पंजे से मारकर समाप्त किया।
इस अवतार का मुख्य संदेश है: सच्ची भक्ति और ईश्वर पर विश्वास हमेशा बुराई पर जीत हासिल करती है।
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