बुद्ध पूर्णिमा पर 10 लाइन (10 Lines on Buddha Purnima in Hindi)
- myNachiketa
- May 1
- 2 min read

बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, दुनिया भर के लोगों के लिए एक खास दिन है। यह दिन गौतम बुद्ध के जन्म का दिन है। उनके पिता का नाम राजा शुद्धोधन और माँ का नाम रानी माया था। छोटी उम्र में ही गौतम बुद्ध ने महल छोड़ दिया और लोगों को दुख में देखा। तभी उन्होंने यह तय किया कि वह यह जानेंगे कि लोगों के दुख का कारण क्या हैं और कभी ना खत्म वाली खुशी कैसे पाई जा सकती है। उन्होंने एक बड़े पेड़ के नीचे ध्यान किया और ज्ञान प्राप्त कर बुद्ध बने।
myNachiketa बुद्ध पूर्णिमा पर 10 लाइन प्रस्तुत करता है।
बुद्ध पूर्णिमा हिंदू महीने वैशाख की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो हर साल आमतौर पर अप्रैल या मई में पड़ती है।
यह दिन गौतम बुद्ध के जीवन की तीन महत्वपूर्ण घटनाओं को दर्शाता है: उनका जन्म, निर्वाण (ज्ञान प्राप्ति), और परिनिर्वाण (समाधि)।
इस दिन भक्त बौद्ध मंदिरों और मठों में जाते हैं और भगवान बुद्ध से प्रार्थना करते हैं।
बौद्ध भिक्षु और अन्य भक्त ध्यान करते हैं, प्रार्थनाएँ करते हैं, सूत्रों का पाठ करते हैं और बुद्ध के जीवन और उपदेशों से जुड़ी कहानियाँ सुनते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा पर लोग दान करते हैं, ज़रुरतमंदों में चीजें बाँटते हैं और उनकी मदद करते हैं।
बोधगया में महाबोधि मंदिर एक ऐसा विशेष स्थान है जहाँ बुद्ध जयंती धूमधाम से मनाई जाती है।
सारनाथ में, जहाँ बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था, लोग प्रार्थना करने और ध्यान करने आते हैं।
थाईलैंड और श्रीलंका जैसे देशों में लोग पक्षियों, मछलियों या कछुओं को आज़ाद छोड़ते हैं, जो दयालुता और अच्छे कर्म का प्रतीक होता है।
इस दिन, बच्चे बुद्ध की शिक्षाओं जैस शांति, सत्य और सभी के प्रति प्रेम के बारे में सीखते हैं।
बुद्ध पूर्णिमा एक ऐसा समय है जो हमें याद दिलाता है कि दया, ईमानदारी और आपसी सहयोग से यह संसार एक बेहतर स्थान बन सकता है।
आइए इस दिन को खुशी और शांति का संदेश देकर मनाएँ!

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