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छोटे बच्चों की 10 छोटी कहानियाँ (10 Short Stories for Kids in Hindi)

  • myNachiketa
  • 1 day ago
  • 8 min read

10 Short Stories for Kids in Hindi

क्या आप छोटे बच्चों के लिए मज़ेदार और सीख से भरी कहानियाँ ढूँढ रहे हैं?


बच्चों को सिखाने का सबसे प्यारा तरीका है - कहानियों के ज़रिए! जब बच्चे कहानी सुनते हैं, तो वे न सिर्फ़ आनंद लेते हैं, बल्कि बिना जाने अच्छाई, सच्चाई और दया जैसे मूल्यों को समझने लगते हैं।


इसी सोच के साथ myNachiketa लेकर आया है छोटे बच्चों की 10 छोटी कहानियाँ! (10 Short Stories for Kids in Hindi). ये प्यारी कहानियाँ 3 से 9 साल के बच्चों के लिए बिल्कुल सही हैं क्योंकि इनमें हैं खेल-खेल में सीखने का मज़ा और दिल को छू लेने वाले संदेश है।


आइए, बच्चों को सुनाएँ ऐसी कहानियाँ जो मन भी खुश करें और जीवन की ज़रूरी बातें भी सिखाएँ!


1. सच्चाई की मिठास


10 Short Stories for Kids in Hindi 1

एक छोटे से गाँव में मोहन नाम का एक प्यारा और ईमानदार लड़का रहता था। एक दिन वह अपनी माँ के लिए बाज़ार से मिठाई खरीदने गया। दुकानदार ने मिठाई तौलकर पैसे वापिस दिए और गलती से मोहन को ज़्यादा पैसे लौटा दिए। जब उसने पैसे गिने, तो देखा कि पैसे ज़्यादा हैं। उसके मन में दो आवाज़ें आईं - एक बोली, “वाह! अब मेरे पास ज़्यादा पैसे हैं।” दूसरी बोली, “नहीं, यह सही नहीं है। ये पैसे तुम्हारे नहीं हैं।” मोहन ने थोड़ा सोचा, फिर तुरंत बोला, “चाचा, आपने गलती से मुझे ज़्यादा पैसे दे दिए हैं।” दुकानदार आश्चर्य से बोला, “बेटा, आजकल ऐसे ईमानदार बच्चे बहुत कम मिलते हैं!” उसने मोहन के सिर पर हाथ रखकर कहा, “तुम्हारे जैसे बच्चों से ही दुनिया अच्छी बनती है।”मोहन के दिल में अजीब-सी खुशी भर गई।


उसे महसूस हुआ - सच्चाई का स्वाद सबसे मीठा होता है, यहाँ तक कि मिठाई से भी ज़्यादा!

2. टीमवर्क का जादू


10 Short Stories for Kids in Hindi 2

हरे-भरे जंगल में एक छोटा सा खरगोश रहता था। उसका घर एक बड़े पेड़ की जड़ के पास था। एक दिन तेज़ आँधी चली, और वही पेड़ ज़ोर से गिर गया। बेचारा खरगोश चिल्लाने लगा, “अरे! मेरा घर तो टूट गया! अब मैं कहाँ रहूँ?” वह उदास होकर रोने लगा। तभी उसका दोस्त तोता उड़ता हुआ आया। उसने कहा, “मत रो, मैं मदद बुलाता हूँ।” थोड़ी देर में हाथी और गिलहरी भी आ गए। हाथी ने अपनी सूँड से भारी लकड़ियाँ हटाईं, गिलहरी ने मिट्टी बाहर फेंकी,और तोते ने सबको हौसला दिया। मिल-जुलकर सबने मेहनत की और खरगोश का घर फिर से बना दिया। खरगोश खुश होकर बोला, “जब सब साथ हों, तो कोई मुश्किल बड़ी नहीं लगती!”


उस दिन सबको समझ आया - एकता में सचमुच ताकत है, और मिलकर काम करने से हर काम आसान हो जाता है।


सरल कविताओं के माध्यम से गीता की शिक्षा।

10 Short Stories for Kids in Hindi - Gita Books 1

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 3. सच्चा हीरो


10 Short Stories for Kids in Hindi 3


एक दिन स्कूल में मास्टरजी कक्षा में आए और देखा कि ब्लैकबोर्ड पर किसी ने एक मज़ेदार चित्र बना दिया है। मास्टरजी ने भौंहें चढ़ाकर पूछा, “किसने यह चित्र बनाया है?” सारी कक्षा चुप हो गई। कोई भी कुछ नहीं बोला। सबकी नज़रें नीचे थीं, सब डर रहे थे कि कहीं मास्टरजी डाँट न दें। लेकिन रोहन जानता था कि यह चित्र उसने ही मज़ाक में बनाया था। उसका दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़कने लगा। कुछ पल सोचने के बाद उसने धीरे से कहा, “जी मास्टरजी, मैंने बनाया था। ”कक्षा में सन्नाटा छा गया। सब बच्चे रोहन को देखने लगे। मास्टरजी ने मुस्कुराते हुए कहा, “बहुत अच्छा, बेटा। गलती मानने वाला ही सच्चा हीरो होता है।” उन्होंने प्यार से कहा, “अब बोर्ड साफ़ कर दो, और याद रखो सच्चाई बोलने से हम और भी मज़बूत बनते हैं।” रोहन ने बोर्ड साफ़ किया और उसके मन से डर गायब हो गया। उसे गर्व महसूस हुआ कि उसने सच बोला।


उस दिन उसने सीखा - सच्चा हीरो वह नहीं जो दूसरों से जीत जाए, बल्कि वह जो अपने डर से जीत जाए। 


 4. दोस्ती का पेड़


10 Short Stories for Kids in Hindi 4


रवि और अमित सबसे अच्छे दोस्त थे। वे रोज़ स्कूल के बाद पार्क में खेलते और खूब हँसते थे। एक दिन खेलते-खेलते उनमें छोटी-सी बात पर झगड़ा हो गया। अमित गुस्से में बोला, “अब मैं तुम्हारा दोस्त नहीं हूँ!” रवि कुछ नहीं बोला, बस चुपचाप घर चला गया। अगले दिन सुबह रवि एक बाल्टी में पानी लेकर उसी पार्क में आया वह उस छोटे पेड़ को सींचने लगा जो उन्होंने दोनों ने मिलकर लगाया था। अमित दूर से देख रहा था, हैरान था कि रवि झगड़े के बाद भी पेड़ का ख्याल रख रहा है। वह धीरे-धीरे पास आया और बोला, “तुम अब भी इसे पानी दे रहे हो?” रवि मुस्कुराया और बोला, “हाँ, क्योंकि पेड़ और दोस्ती दोनों को रोज़ प्यार और ध्यान चाहिए।” अमित की आँखें नम हो गईं। उसने रवि को गले लगा लिया। दोनों ने मिलकर पेड़ को पानी दिया और फिर साथ खेलने लगे।


उस दिन उन्हें समझ आया कि सच्ची दोस्ती पेड़ की तरह होती है, अगर उसे प्यार और धैर्य से सींचो, तो वह जीवनभर हरी रहती है।


 5. असली ख़ुशी


10 Short Stories for Kids in Hindi  5

राजू के पास हर तरह के खिलौने थे, कारें, रोबोट, गुब्बारे, और ढेर सारे खेल। फिर भी वह अक्सर उदास रहता था। एक दिन उसने खिड़की से देखा कि पड़ोसी का बेटा सोनू एक पुरानी, फूली हुई गेंद से खेल रहा था। वह हँस रहा था, कूद रहा था, मानो उसके पास दुनिया की सारी खुशियाँ हों। राजू सोच में पड़ गया, “मेरे पास इतने खिलौने हैं, फिर भी मैं खुश क्यों नहीं?” राजू चुपचाप उसे देखता रहा और उसके चेहरे की मुस्कान ने उसके मन में कुछ बदल दिया। अगले दिन राजू ने अपने कुछ खिलौने एक थैले में रखे और सोनू के घर चला गया उसने कहा, “क्या हम साथ खेल सकते हैं?” सोनू की आँखें चमक उठीं, “ज़रूर!” दोनों ने मिलकर खूब खेला, दौड़े, हँसे और दिन कब बीत गया, पता ही नहीं चला।


उस शाम राजू के चेहरे पर भी वही सच्ची मुस्कान थी। उसे एहसास हुआ कि खिलौनों से नहीं, दोस्तों के साथ हँसी बाँटने से असली खुशी मिलती है। वह बोला, “आज मैं सचमुच खुश हूँ।” उसकी माँ ने पूछा, “आज तुम बहुत खुश लग रहे हो।” राजू मुस्कुराया और बोला, “क्योंकि आज मैंने किसी के साथ वक्त और हँसी दोनों बाँटी हैं।”।”


उस दिन उसे समझ आया कि खुशी तब बढ़ती है, जब हम उसे दूसरों के साथ बाँटते हैं।

6. दया का इनाम


10 Short Stories for Kids in Hindi 6

एक गर्मी के दिन, छोटी सी बच्ची सीता स्कूल से लौट रही थी। सूरज बहुत तेज़ चमक रहा था और रास्ता तप रहा था। चलते-चलते उसने देखा कि एक प्यारा सा कुत्ता पेड़ के नीचे बैठा हाँफ रहा था। उसकी जीभ बाहर निकली हुई थी और वह बहुत प्यासा लग रहा था। सीता का दिल पसीज गया। वह तुरंत घर की ओर भागी और एक कटोरे में ठंडा पानी भरकर लाई। धीरे से उसने वह कटोरा कुत्ते के पास रखा। कुत्ता तुरंत उठ बैठा और पानी पीने लगा। पानी पीते हुए उसने अपनी पूँछ हिलाई, जैसे कह रहा हो “धन्यवाद, छोटी दोस्त!”


सीता मुस्कुराई और उसका सिर सहलाने लगी। अगले दिन जब वह स्कूल से लौटी, तो वही कुत्ता उसके घर के दरवाज़े पर बैठा मिला। वह खुशी से पूँछ हिलाते हुए सीता का इंतज़ार कर रहा था। अब वह रोज़ सीता को स्कूल तक छोड़ने और वापस लाने आने लगा। सीता की माँ बोलीं, “देखा बेटा, दया कभी व्यर्थ नहीं जाती। जो दूसरों पर दया करता है, उसे हमेशा प्रेम और सुरक्षा मिलती है। ”सीता ने मुस्कुराकर कहा, “हाँ माँ, सच्ची दया ही सबसे बड़ा इनाम है।”


उस दिन से सीता ने हर जीव की मदद करने का वादा किया क्योंकि दया बाँटने से न सिर्फ़ दूसरों का दिल खुश होता है, बल्कि अपना मन भी खिल उठता है। 


राम जी और हनुमान जी की रोचक और मजेदार कहानियाँ।

10 Short Stories for Kids in Hindi - Books for kids
नटखट हनुमान और तपस्वी रामजी | 1-5 साल के बच्चों के लिए |

 7. अपना काम, अपना धर्म


10 Short Stories for Kids in Hindi 7


एक छोटे से गाँव में अर्जुन नाम का एक मेहनती किसान रहता था। वह रोज़ सुबह सूरज उगने से पहले उठ जाता, अपने बैल लेकर खेत जोतने चला जाता। गर्मी हो या सर्दी, वह कभी काम से पीछे नहीं हटता था। गाँव के लोग अकसर मज़ाक उड़ाते, “अरे अर्जुन, ज़रा आराम भी कर लिया करो! इतना परिश्रम क्यों करते हो?” अर्जुन मुस्कुराता और कहता, “कर्म करना ही मेरा धर्म है। अगर मैं मेहनत नहीं करूँगा, तो धरती मुझे फल कैसे देगी?” वह रोज़ मिट्टी को पलटता, बीज बोता और पौधों को पानी देता। कभी मौसम खराब होता, तो भी वह हिम्मत नहीं हारता। कुछ महीनों बाद वही सूखी ज़मीन हरे पौधों से ढक गई। धान की बालियाँ लहराने लगीं और खेत में हरियाली छा गई। अब वही लोग जो मज़ाक उड़ाते थे, उसके पास आए और बोले,“अर्जुन, तेरा खेत तो पूरे गाँव में सबसे सुंदर है!” अर्जुन ने विनम्रता से कहा, “यह सब मेरी मेहनत और धरती माँ का आशीर्वाद है। जब हम सच्चे मन से अपना काम करते हैं, तो फल अपने आप मिलता है।”


उस दिन गाँववालों को समझ आया कि सच्चा सुख भाग्य में नहीं, कर्म में है। जो अपना धर्म निभाता है, वही सच्चा विजेता होता है। 

8. मेहनत का जादू


10 Short Stories for Kids in Hindi 8


अन्वी एक छोटी लड़की थी । उसे खेलना बहुत पसंद था, लेकिन पढ़ाई करना बिल्कुल नहीं भाता था। हर दिन माँ कहतीं, “अन्वी, थोड़ी देर किताबें भी पढ़ लो।” वह मुस्कुराकर कहती, “माँ, बाद में पढ़ लूँगी!” और खेलने चली जाती। एक दिन स्कूल में परीक्षा की घोषणा हुई। अन्वी घबरा गई, “ओह! अब तो मैं कुछ भी नहीं जानती!” उसकी माँ ने प्यार से कहा,“बेटा, मेहनत करना भी हमारा धर्म है। जो अपना कर्तव्य निभाता है, वही सफल होता है।” उस दिन से अन्वी ने रोज़ थोड़ी-थोड़ी पढ़ाई शुरू की। सुबह जल्दी उठती, ध्यान से सुनती, और सवाल हल करती। धीरे-धीरे उसे पढ़ाई में मज़ा आने लगा; हर सही उत्तर पर उसे गर्व महसूस होता। परीक्षा का दिन आया। अन्वी आत्मविश्वास से मुस्कुरा रही थी। कुछ हफ़्तों बाद जब रिपोर्ट कार्ड मिला वह कक्षा में सबसे अच्छे अंकों से पास हुई!

माँ ने गले लगाते हुए कहा,“देखा बेटा, मेहनत का फल मीठा होता है।” अन्वी ने चमकती आँखों से कहा,“अब मुझे समझ आया, पढ़ना मेरा धर्म है क्योंकि यही मुझे मजबूत और समझदार बनाता है।”


जो अपने कर्तव्य को प्यार और लगन से निभाता है,वह हमेशा सफलता और खुशी पाता है।


 9. रंगों की दोस्ती


10 Short Stories for Kids in Hindi 9


स्कूल में चित्रकला (पेंटिंग) प्रतियोगिता होने वाली थी। सभी बच्चे बहुत उत्साहित थे - कोई फूल बना रहा था, कोई घर, कोई सूरज। नन्ही तान्या ने अपनी कॉपी खोली, लेकिन उसे याद आया कि उसके रंग तो घर पर ही रह गए! वह उदास होकर बैठ गई। पास में बैठा आदित्य अपने रंगों से आसमान नीला कर रहा था। जब उसने तान्या को बिना रंगों के देखा, तो बोला,“अरे, तुम क्यों नहीं रंग भर रही? तान्या बोली, "मैं रंग लाने भूल गई हूँ।" ये लो, मेरे रंग इस्तेमाल कर लो”, आदित्य ने कहा। तान्या हिचकिचाई, “पर ये तो तुम्हारे हैं। ”आदित्य मुस्कुराया, “रंग बाँटने से तो और रंगीन हो जाते हैं!”


दोनों ने मिलकर पेंटिंग पूरी की - आदित्य ने सूरज बनाया, तान्या ने तितलियाँ बनायीं और रंग भरे। जब रिज़ल्ट आया, तो मास्टरजी ने कहा,“सबसे सुंदर पेंटिंग वही है, जो दो दोस्तों के दिलों के रंगों से बनी है!” दोनों ने एक-दूसरे की ओर देखा और हँस पड़े।


उन्हें समझ आया कि बाँटने से खुशी दुगनी हो जाती हैं।


 10. मन की शांति


10 Short Stories for Kids in Hindi 10


नन्ही आर्या हर रात सोने से पहले भगवान को “धन्यवाद” कहती थी - “आज का दिन अच्छा गया, आपका धन्यवाद!” वह छोटी थी, पर उसका दिल बहुत प्यारा था। एक दिन उसका सबसे पसंदीदा खिलौना गायब हो गया। वह बहुत रोई, इधर-उधर ढूँढा, पर खिलौना नहीं मिला। माँ ने कहा, “आर्या, रोने से दिमाग उलझ जाता है। पहले मन को शांत करो।” आर्या ने आँखें बंद कीं,हाथ जोड़कर बोली, “हे भगवान, मुझे धैर्य दो। मुझे समझ दो कि क्या करना चाहिए।”

कुछ देर बाद उसका मन शांत हो गया। वह बिस्तर ठीक करने लगी कि तभी तकिए के नीचे उसका खिलौना मिला! वह खुशी से चिल्लाई, “मिल गया! भगवान ने मेरी सुन ली!” माँ मुस्कुराकर बोलीं, “हाँ बेटा, जब हम भगवान को याद करते हैं,तो हमारा मन शांत हो जाता है,और जब मन शांत होता है, तो हल अपने-आप मिल जाता है।


आर्या ने सिर हिलाया और बोली,“अब मैं रोज़ भगवान को सिर्फ धन्यवाद नहीं, धैर्य भी माँगूँगी।”



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