8 साल के बच्चों के लिए कहानियाँ (Stories for 8 year olds in Hindi)
- myNachiketa
- Apr 5
- 3 min read
8 साल के बच्चों के लिए सबसे मज़ेदार, नैतिक कहानियाँ। महत्वपूर्ण सीखों से भरे एक रोमांचक यात्र के लिए तैयार हो जाइए। यह कहानियाँ गीत और उपनिषद्, के विचारों से प्रेरित हैं। आइए, एक नई दुनिया की खोज करें और मिलकर ढेर सारी मस्ती करें!
एक दिन, एक शेरनी अपनी छोटी बच्ची को गुफ़ा में छोड़कर खाना लाने चली गई। जब वह देर तक नहीं लौटी, तो बच्चा अपनी माँ को खोजने के लिए गुफ़ा से बाहर निकल आई। वह रास्ता भटक गई और भेड़ों के झुंड में पहुँच गई।
अब क्या होगा? क्या उसे उसकी माँ मिल गई? क्या उसे पता चला कि वह भेड़ नहीं, बल्कि एक शेरनी है? आइए, जानें इस कहानी में आगे क्या हुआ!
एक बार की बात है, एक हाथी अंधकपुर नाम के गाँव में आ गया, जहाँ सभी लोग अंधे थे। जब हाथी गाँव से गुज़रा, तो गाँव के लोग उसे छूने लगे और अपने-अपने हिसाब से पहचानने लगे। किसी को वह दीवार जैसा लगा, किसी को खंभे जैसा, किसी को रस्सी जैसा और किसी को पाइप जैसा।
आइए जानें, गाँव वालों ने हाथी को और क्या-क्या समझा और क्या कोई उसे सचमुच पहचान सका!
नटखट हनुमान और तपस्वी रामजी | 1-5 साल के बच्चों के लिए | राम जी और हनुमान जी की रोचक और मजेदार कहानियाँ।
शालू हर दिन अपनी माँ के साथ मंदिर जाती थी। एक दिन, उसने मंदिर की दीवार पर लिखा देखा: "ईश्वर कण-कण में हैं", जो छांदोग्य उपनिषद् की एक शिक्षा थी। यह पढ़कर वह सोचने लगी कि ऐसा कैसे हो सकता है। तभी उसका दोस्त नचिकेता आया और उसने उसे एक मज़ेदार जादू का खेल दिखाया।
क्या शालू के सवाल का जवाब उस जादू में छिपा था?
एक छोटा खरगोश था जिसका नाम चीकू था। वह उदास था क्योंकि उसकी सारी गाजरें खराब हो गई थीं। उसकी दोस्त मिन्नी चुहिया उसे गाजर के खेतों में ले गई, जिससे चीकू बहुत खुश हो गया। जब चीकू खुशी-खुशी गाजर लेकर घर जा रहा था, तभी उसने एक आम के पेड़ को दर्द में चिल्लाते सुना।
आगे क्या हुआ? आइए, इस कहानी में जानें!
शिवानी अपनी दोस्त के जाने से उदास थी, लेकिन उसकी दादी ने उसे एक नए दोस्त से मिलवाया, जो हमेशा उसके साथ रहता है। आइए, शिवानी और उसकी दादी के साथ सच्ची दोस्ती का मतलब समझें।
गीता प्रेरित कहानियाँ | 8 मजेदार कहानियों का एक संग्रह | रंग भरने के लिए सुंदर चित्रों के साथ | 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के लिए
रवि अपने दोस्तों के साथ पिकनिक पर गया। वह दोपहर के खाने में पास्ता खाना चाहता था, लेकिन उसकी माँ ने उसे रोटी और सब्जी दी। रवि उदास होकर बैठ गया, जबकि उसके दोस्त खुशी-खुशी अपना खाना खा रहे थे। तभी उसने दो पक्षियों को देखा। एक पक्षी उत्सुकता से फल खा रहा था, जबकि दूसरा बिना फल खाए भी खुश लग रहा था। रवि ने उस पक्षी से पूछा, "तुम बिना फल खाए खुश कैसे हो सकते हो?
आइए इस प्रेरणादायक कहानी को पढ़ें और जानें कि उस पक्षी के जवाब ने रवि को फिर से खुश कैसे कर दिया।
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