गणेश चतुर्थी पर निबंध (Ganesh Chaturthi Essay in Hindi)
- myNachiketa
- 4 hours ago
- 2 min read

एकदंताय विद्महे, वक्रतुंडाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात।।
गणेश चतुर्थी एक हिंदू पर्व है जिसे भगवान गणेश के जन्म के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ भी कहा जाता है, जो हमारे जीवन की बाधाओं को दूर करते हैं। भगवान गणेश, भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं। वे भारतीय धार्मिक अनुष्ठानों या समारोहों में सबसे पहले पूजे जाने वाले देवता हैं। गणेश चतुर्थी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाई जाती है, जो हिंदू पंचांग का छठा महीना है (अगस्त या सितंबर)।
गणेश चतुर्थी का उत्सव
गणेश चतुर्थी लगभग 11 दिनों तक मनाई जाती है। यह चतुर्थी के दिन से शुरू होती है जब भक्त अपने घरों और मंदिरों में भगवान गणेश की मूर्ती स्थापित करते हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान बाजारों में मिट्टी, प्लास्टर और पर्यावरण के अनुकूल सामग्रियों से बनी भगवान गणेश की सुंदर मूर्तियाँ उपलब्ध होती हैं।
लोग एकत्र होकर भगवान गणेश की स्तुति और प्रार्थना करते हैं, जिनमें गणेश आरतियाँ विशेष महत्व रखती हैं और भक्तों द्वारा सबसे अधिक गाई जाती हैं। गणेश चतुर्थी के दौरान गाई जाने वाली कुछ प्रसिद्ध आरतियाँ हैं — "जय गणेश जय गणेश," "सुखकर्ता दुखहर्ता," और "सिंदूर लाल चढ़ायो।"
भक्त भगवान गणेश को उनका प्रिय मिष्ठान मोदक अर्पित करते हैं। मोदक चावल से बनी एक मिठाई है जिसमें नारियल और गुड़ की भरा जाता है। यह उत्सव अनंत चतुर्दशी को गणेश विसर्जन के साथ समाप्त होता है, जब गणेश जी अपने घर लौटते हैं और हमारे सभी कष्ट अपने साथ ले जाते हैं।
गणेश विसर्जन

विसर्जन के दिन गणेश जी की प्रतिमाएँ भव्य शोभायात्राओं के साथ बाहर निकाली जाती हैं। लोग संगीत, नृत्य और “गणपति बप्पा मोरया” जैसे नारों के साथ भगवान गणेश को विदाई देते हैं। इसके बाद प्रतिमाओं का विसर्जन नदियों, झीलों या समुद्र में किया जाता है।
गणेश चतुर्थी का महत्व
भारतवासी इस पर्व का पूरे वर्ष बेसब्री से इंतजार करते हैं। वैसे तो गणेश चतुर्थी पूरे देश में मनाई जाती है, लेकिन महाराष्ट्र में इसे सबसे अधिक उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का त्योहार हमें याद दिलाता है कि जीवन हमेशा बदलता रहता है और हर अंत एक नई शुरुआत लेकर आता है। गणेश विसर्जन के साथ भले ही यह उत्सव समाप्त हो जाता है पर एक नए आरंभ का जोश और गणेशजी का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है।
भगवान गणेश हमें बुद्धिमान, विनम्र और दृढ़निश्चयी बनने की प्रेरणा देते हैं। हमें अपने मार्ग में आने वाली बाधाओं से कभी नहीं डरना चाहिए, बल्कि साहस के साथ उनका सामना करना चाहिए। और यदि हम अकेले उन्हें पार नहीं कर पाते, तो भगवान गणेश हमेशा हमारी सहायता करने के लिए उपस्थित रहते हैं।
इन विषयों पर अधिक जानकारी के लिए हमारी किताबें खरीदें और पढ़े

More such blogs
Resources
Comments