बाँटना अच्छा है: 0-2 साल के बच्चों के लिए तस्वीरों वाली कहानी (Sharing is Caring - Bedtime Stories for 0-2 years in Hindi)
- myNachiketa
- 2 days ago
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0–2 साल के बच्चों के लिए पढ़ना क्यों ज़रूरी है?
छोटे बच्चे दुनिया को रंगों, आवाज़ों और मुस्कानों से पहचानते हैं।इस उम्र में उन्हें तस्वीरों वाली, छोटी और नरम भाषा वाली किताबें बहुत पसंद आती हैं।
किताबें पढ़ने से—
बच्चे नए रंग और चीज़ें पहचानते हैं
वह शब्द सुनकर भाषा सीखते हैं
माता–पिता और बच्चे का रिश्ता मज़बूत होता है
पढ़िए और आनंद लीजिए बाँटना अच्छा है: 0–2 साल के बच्चों के लिए तस्वीरों वाली कहानी (Sharing is Caring - Bedtime Stories for 0-2 years in Hindi), प्रस्तुत करता है myNachiketa
कहानी
अजय, अमित और तन्वी अच्छे दोस्त थे। तन्वी की माँ ने कहा था कि अगर तन्वी आज के दिन अच्छे काम करेगी और अपनी चीज़ें बाँटना सीखेगी तो उसे इनाम मिलेगा।
उस दिन तन्वी से मिलने उसका दोस्त अमित आया।

तन्वी को खिलौना बाँटने से बहुत ख़ुशी मिली।
फिर दोनों ने मिलकर पौधे में पानी दिया।

थोड़ी देर खेलने के बाद अमित अपने घर चला गया।
कुछ समय बाद तन्वी ने अपने दोस्त अजय को फ़ोन करके सारी बात बताई।
अजय को बहुत अच्छा लगा और वह बोला, "मैं तुमसे मिलने तुम्हारे घर आयूँगा।"
रास्ते में अजय को एक प्यारा पप्पी मिला। उसे तन्वी कि बात याद आ गई।
अजय ने अपनी जेब से खाना निकाला और उस पप्पी को खिलाया।

अजय को बहुत अच्छा लगा और पप्पी ने भी पूँछ हिलायी।
अजय तन्वी के घर पहुँचा, वहाँ तन्वी ने पहले से ही ड्राइंग किताब निकाल राखी थी।
तन्वी ने ख़ुशी-ख़ुशी अपनी किताब और रंग अजय के साथ बाँटे।

घर लौटने से पहले दोनों एक दूसरे से अच्छे से मिले।

अजय अपने घर वापस चला गया।
तन्वी अपनी माँ के गले लग गई और बोली, "मुझे आज अपनी चीज़ें बाँटने में बहुत मज़ा आया।"

माँ ने तन्वी को गले लगाते हुए कहा ,"यह लो तुम्हारे लिए नया बैग।
इसमें बहुत सारी खुशियाँ भरी हैं, इसको सबके साथ बाँटना।"
तो प्यारे बच्चों बाँटने से प्यार और दोस्ती बढ़ती है।
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