6 साल के बच्चों के लिए कहानियाँ (Stories for 6 Years Old in Hindi)
- myNachiketa
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6 साल के बच्चों के लिए कहानियाँ मज़ेदार, आसान और कल्पनाओं से भरी होती हैं। इस उम्र में बच्चों को रोमांचक साहसिक यात्राएँ, बात करने वाले जानवर, और मज़े-मज़े में अच्छी बातों की सीख देने वाली कहानियाँ बहुत पसंद आती हैं। myNachiketa में हम उपनिषद, गीता और महाभारत से सुंदर कहानियाँ लाते हैं, जो खास तौर पर छोटे बच्चों के लिए बनाई गई हैं। ये कहानियाँ बच्चों को दया, साहस और बुद्धि की सीख देती हैं — वो भी रंग-बिरंगी तस्वीरों और मज़ेदार कहानी कहने के अंदाज़ के साथ!
myNachiketa 6 साल के बच्चों के लिए कुछ मज़ेदार कहानियाँ पेश करता है, जिन्हें पढ़कर बच्चे आनंद ले सकते हैं।
इस सुंदर कहानी को पढ़ो जो हमें सिखाती है कि अगर हम खुद पर विश्वास करें, तो किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं और जीत सकते हैं। 6 साल के बच्चों की यह कहानी बताती है कि हमें हर बात पर यक़ीन नहीं करना चाहिए, खासकर जो सच न हो। बल्कि, हमें खुद पर भरोसा रखना चाहिए।
यह एक और बहुत ही मज़ेदार कहानी है जो हमें सिखाती है कि भगवान थोड़े में भी खुश हो जाते हैं। यह कहानी हमें दिखाती है कि असली खुशी तभी मिलती है जब हम कम में खुश रहना सीखें और हमारी कोई लालच या ज़्यादा की इच्छा न हो।
यह कहानी रोहन की हैं जो हमेशा खिलौनों की ज़िद्द करता था उसे सिखाने के लिए उसकी मम्मी ने उसे एक कहानी सुनाई। चलो, अब हम भी वह कहानी सुनते हैं...
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यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें अपनी शक्ल या शरीर पर ध्यान नहीं देना चाहिए। यह कहानी बताती है कि हम इंसान सिर्फ अपने शरीर से नहीं बनते, हम उससे भी कहीं ज़्यादा हैं।
निखिल स्कूल से घर आया, वह बहुत उदास था। निखिल के दोस्त नचिकेता के पास जादू जैसी शक्तियाँ थीं, इसलिए वह समझ गया कि निखिल दुखी है। नचिकेता समय में पीछे चला गया यह देखने के लिए कि स्कूल में क्या हुआ था।
इस खूबसूरत कहानी को पढ़िए, और जानिये कैसे ऋषि व्यास ने दूध बेचने वाली ग्वालिनों को यमुना नदी पार करने में मदद की, और यह खास सबक सीखिए कि हम केवल अपना शरीर नहीं हैं – हम आत्मा हैं!
एक बार ऋषि व्यास वृन्दावन में यमुना नदी के किनारे बैठे थे। तभी वहाँ कुछ ग्वालिनें (दूध बेचने वाली) आईं। उन्हें नदी पार कर दूसरे गाँव जाना था ताकि वे वहाँ दूध, दही और मक्खन बेच सकें। पर नदी में दूर-दूर तक कोई नाव नहीं दिखाई दे रही थी।
क्या आप और जानना चाहेंगे?
यह एक और शानदार कहानी है जो हमें सिखाती है कि हमें बिना कुछ माँगे अच्छे काम करने चाहिए। यह छोटी सी नैतिक कहानी 6 साल के बच्चों को बताती है कि हमें अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए, बिना किसी इनाम की उम्मीद किए।
छोटे कृष्णा को मीठे और रसीले फल खाना बहुत पसंद था। यह कहानी पढ़ते हैं और जानते हैं कैसे सुखिया, फल बेचने वाली ने कृष्णा भगवान् को खुश किया।
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