top of page
  • myNachiketa

दिवाली पर भाषण (Speech on Diwali In Hindi)

Speech on Diwali In Hindi



ॐ दाशरथये विद्महे सीतावल्लभाय धीमहि, तन्नो राम प्रचोदयात्॥


हम राजा दशरथ के पुत्र श्रीराम को प्रणाम करते हैं, जो देवी सीता के प्रिय हैं। वह हमें जीवन में सही राह दिखाएँ।


आप सभी को मेरा नमस्कार!


आज आप सभी के सामने, मुझे हमारे देश के एक महत्वपूर्ण और उल्लास से भर देने वाले त्योहार - दीपावली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है पर अपने विचार रखने का मौका मिला है। दिवाली केवल एक त्योहार नहीं है, बल्कि भगवान श्री राम, माता सीता और लक्ष्मण के 14 वर्षों के लंबे वनवास से लौटने का एक स्वागत समारोह है।


जैसा कि आप सब जानते हैं हम हर साल अक्टूबर या नवंबर के महीने में पूरे जोश और उमंग के साथ दिवाली मानते हैं। यह कार्तिक महीने की अमावस्या की रात को मनाई जाती है। इसे केवल भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में लाखों लोग मनाते हैं, परिवार, दोस्त और समुदाय एक साथ मिलकर प्रकाश और आशा के इस आनंदित उत्सव में शामिल होते हैं।


जब प्रभु श्री राम ने रावण को हराया और अपनी पत्नी देवी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ घर (अयोध्या) लौटे, तो अयोध्या के लोग उन्हें देख बहुत खुश हुए। राम जी 14 वर्षों का वनवास समाप्त करके लौटे थे, इसलिए उनके राज्य के लोग अत्यंत प्रसन्न थे। उनकी वापसी से खुश होकर, उन्होंने पूरे शहर को तेल के दीयों से रोशन कर दिया, जो दिवाली यानी प्रकाश के त्योहार की शुरुआत का प्रतीक बना। उन्होंने भगवान राम की वापसी की खुशी मनाने के लिए मिठाइयाँ बाँटी और अपने घरों को सजाया। यह अंधकार के अंत और सच एवं खुशी की शुरुआत का प्रतीक था।


इसलिए, हम भी दिवाली मनाते हैं, अपने घरों को रोशन करके, मिठाइयाँ बनाकर और उन्हें दोस्तों और परिवार में बाँटकर। यह तीन दिन का त्योहार है, जो धनतेरस के दिन से शुरू होता है। इस दिन हम धन की देवी लक्ष्मी और धन के भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। धनतेरस कार्तिक महीने के तेरहवें चंद्र दिवस को मनाया जाता है।


धनतेरस के बाद का दिन नरक चतुर्दशी है, जिसे हम आमतौर पर छोटी दिवाली कहते हैं, और इसे भगवान श्री कृष्ण द्वारा राक्षस नरकासुर की हार के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को भी बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। घरों को तेल के दीयों, मोमबत्तियों और खूबसूरत रोशनी से सजाया जाता है।


छोटी दिवाली के बाद का दिन दिवाली का दिन होता है, जो खुशी और आनंद के साथ मनाया जाता है।

 
Get our Amazon's bestseller Colouring & Sticker Book
Speech On Dusshera in English

 

दिवाली केवल रोशनी, मिठाइयों और आतिशबाजी का उत्सव नहीं है; यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव है। यह पुरानी परेशानियों को भूलकर नए और उज्ज्वल भविष्य का स्वागत करने का समय है।


आइए हम हमारे भारत देश में दिवाली मनाने के तरीके के बारे में कुछ बात करें। लोग अपने दोस्तों और परिवारों की सफलता और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं। वे अपने लिए और दूसरों के लिए नए कपड़े और उपहार खरीदते हैं। लोग अपने घरों को रंगोली और फूलों से सजाते हैं। बच्चे इस त्योहार का आनंद दीये (तेल के दीये) जलाकर, रंगोली बनाकर और फूलों और अन्य सजावटी सामान से घर सजाकर लेते हैं। दिवाली की शाम को सभी नए कपड़े पहनते हैं, माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करते हैं और फिर आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।


जब हम दिवाली मानते हैं, तो हमें अपने पर्यावरण और आसपास की चीजों का भी ध्यान रखना चाहिए। जबकि आतिशबाजी उत्सव का एक पारंपरिक हिस्सा है, हमें त्योहार मनाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल तरीकों पर विचार करना चाहिए। हमें पटाखे जलाने से बचना चाहिए, जो शोर और वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं। हमें इस त्योहार को ज़रूरतमंद लोगों की मदद करके, उनके साथ अपनी खुशियाँ बाँटकर और अपने चारों ओर खुशी फैलाकर मनाना चाहिए।


मैं उम्मीद करता/करती हूँ कि सभी भगवान राम के दिखाए रास्ते पर चलें और हमेशा सही कार्य करें, ताकि हर तरह की बुराई पर जीत हासिल कर सकें। यह दिवाली आपके और आपके प्रियजनों के लिए शांति, समृद्धि और ढेर सारी खुशियाँ लेकर आए।


आप सभी को दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ!


धन्यवाद।


 
To get a deeper understanding on these concepts read our books.
 
whatsapp logo

 
More such blogs
Resources
76 views0 comments

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating

Bestselling Books

bottom of page